तुम वक़्त हो एक दिन का
हम दोनों में एक फर्क है,
मैं जीवन हूँ प्रतिदिन का,
तुम वक़्त हो एक दिन का …
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Poetryहम दोनों में एक फर्क है,
मैं जीवन हूँ प्रतिदिन का,
तुम वक़्त हो एक दिन का …
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Poetryहम कविता चुराते है,
गिरती हुई पलकों से
जुबा की खामोशी और
आँखों की बोली से,
हम कविता चुराते है. Read More »
Poetryकभी कभी,
बेवज़ह बातें हो जाती हैं,
जब दिल करता है जुड़ने का,
एक जरूरत निकल आती है
बेवजह बातें हो जाती हैं Read More »
Poetryजब दो दिलों के बीच भावनाएं एक सीमा से निकलती है तो बातों का सिलसिला शुरू होता है. कविता “आओ बात करें ” उसी का चित्रण है.