Rp Yadav

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

  • All
  • Aaj-Kal
  • Blog
  • E-Services
  • Inspirational
  • Movie Review
तुम चोर हो, चोरी करते हो

तुम चोर हो, चोरी करते हो

आँखें खुली होतीं है तो सामने होते हो, जब बंद होती हैं तो पलकों के अन्दर होते हो, जब अकेली होती हूँ तो शरारत करते हो. तुम चोर हो, चोरी करते हो.

तुम चोर हो, चोरी करते हो Read More »

Poetry
Scroll to Top