ऐसा लगता है...

ऐसा लगता है
ये कल की बात है,
गुज़रे ज़माने की नहीं
ये तो सुबह की बात है,
उनको एहसास हो ना हो
मेरे लिए तो फक्र की बात है,
ऐसा लगता है,
ये कल की बात है …
ये सच है कि अबतक,
कई जमानें गुज़ारे हैं
पर ज़मानों की उम्र,
यादों की उम्र से बहुत छोटी है
वो जमानें तो गुज़र गए,
यादें आज भी साथ है
ऐसा लगता है
ये कल की बात है…
क्या फर्क पड़ता है
इस ढलती उम्र से
जो यादों को न ढाल सका,
क्या फर्क पड़ता है दैहिक मिलन से
जो दिनों को न बाँध सका,
क्या फर्क पड़ता है दूरियों से
जो जख्मों को न भर सका,
मजबूरियों का जीवन से
सदियों का साथ है,
ऐसा लगता है
ये कल की बात है…
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