Rp Yadav

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

तेरा अक्स नजर आता है

इन अक्षरों में तेरा अक्स नज़र आता है, दूर ही सही हर लम्हा मेरे करीब नज़र आता है.

तेरा अक्स नजर आता है ...

तेरा अक्स नजर आता है

इन अक्षरों में तेरा
अक्स नज़र आता है,
दूर ही सही हर लम्हा
मेरे करीब नज़र आता है,
कुछ दिया था तुमने कभी
उसे संभाल भी न पाया,
कुछ और न दे मेरे दोस्त
तुम्हारा हर दौलत,
अपना नज़र आता है
मेरे घर के दीवारों पर
तेरा अक्स नजर आता है …

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