Rp Yadav

हर आदमी के अंदर,
एक और आदमी रहता है ...

चेहरा जो खामोश है

किसी खामोश चेहरा को ध्यान से देखिये. वह एक किताब नजर आएगा. खामोश चेहरा पर एक अर्थपूर्ण कविता .

चेहरा जो खामोश है ...

चेहरा जो खामोश है
 
चेहरा जो खामोश है,
एक किताब नजर आता है,
उम्मीदों ना उम्मीदों का
एक सार नजर आता है,
उलझी हुई जिंदगी का
हिसाब नजर आता है
चेहरा जो खामोश है,
एक किताब नजर आता है …
 
अरमानों की आसुओं से
बनती तस्वीरें,
अनगिनत जजबातों से
घायल तकदीरें,
फर्ज और ईमानों की
जकड़ी जंजीरें
खामोश सागर में
एक तूफ़ान नजर आता है
चेहरा जो खामोश है, 

एक किताब नजर आता है

दर्ज है दर्दों की लंबी कहानियां
कैद है सपनों की,
खूबसूरत परछाइयाँ
सिमटी है तमन्नाओं की
मचलती उचाईयां
दर्दे बयां करने को,
व्याकुल तन्हाईयाँ
अनंत पन्नों का उपन्यास नजर आता है
चेहरा जो खामोश है,
एक किताब नजर आता है …

मुखपृष्ट,
जो निष्कर्ष हुआ करता है किताबों का
जिंदगी के प्रश्नों व कठोर जवाबों का,
समय के करवटों व यादों के सिलवटों का
मायूस जिंदगी का,
प्रतिबिम्ब नजर आता है
चेहरा जो खामोश है,
एक किताब नजर आता है…

           ★★★

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