कोई अभिनय तो नही …

श्रोत : महान अभिनेता इरफ़ान खान का 29 अप्रेल,2020 को कैंसर से ठीक होने के बाद अचानक देहांत हो गया. लोंगो को विशवास नहीं हुआ और कह उठे ” उसका जाना कोई अभिनय तो नहीं” उस दिन उनको समर्पित कुछ भावनात्मक शब्द…
जीवन क्रम का एक बूंद,
अभी दूर था समंदर से
उसे पहुंचना था वहां वर्षों बाद
पहिचाने हुए रास्तों से
वह चला गया अचानक,
इस रंगमंच को छोड़कर
हवा के रास्ते
किसी परिंदे के वाहन से…
उम्र अभी जाने की न थी
अदाकारी की कोई इन्तहां न थी,
किन रास्तों से गुज़रेगा उसका कारवाँ
इस रहस्य का पता
समंदर को भी न थी
वह छुप गया किसी बूंद में
कुछ दे गया, कुछ ले गया
छुप जाना तो मंजूर था
इस तरह से चले जाना
कोई अभिनय तो नही ?
जीवन के दो क्रम हैं
एक वास्तविक, दूसरा भ्रम है
एक सुरक्षित, दूसरा असुरक्षित है
एक निश्चित, दूसरा अनिश्चित है
एक ज्ञात, दूसरा अज्ञात है
एक मेरे पास है,
दूसरा किसी और के पास है
कलतक जो सामने था
आज, वह इतिहास है…
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